Patte Ke Jamin Apne Name Kaise Kare : दोस्तों आप जानते हैं कि पट्टे की जमीन को एक निश्चित समय के लिए उपयोग में लिया जाता है। जो भी गरीब परिवार जिनके पास भूमि नहीं है, वे पट्टे की जमीन को कृषि कार्य हेतु ले सकते हैं। लेकिन कई बार लोगों के मन में सवाल होता है की पट्टी की जमीन को अपने नाम कैसे करें? क्या पट्टे की जमीन को खरीदा जा सकता है, पट्टे की जमीन अपने नाम करने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट होना चाहिए आदि।
इन सभी सवालों के जवाब आज के आर्टिकल में विस्तार से बताया जाएगा। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप यह फैसला आसानी से कर सकते हैं कि आखिर पट्टे की जमीन होती क्या है इसको खरीदने का प्रोसेस क्या है और पट्टे की जमीन खरीदने में कितना खर्च आता है आदि।
पट्टे की जमीन क्या होती हैं?
जमीन का पट्टा होना एक कानूनी व्यवस्था है। जो किसी व्यक्ति अथवा संस्थान अथवा सरकार को निजी मालिक या सरकार द्वारा एक निश्चित समय के लिए जमीन को उपयोग करने का अधिकार प्रदान करता है। यानि आप पट्टे के आधार पर किसी की जमीन एक निश्चित समय के लिए ले सकते हैं। उसमें खेती किसानी कर सकते हैं मगर उस पर आपका पूर्ण रूप से स्वामित्व नहीं होता है।
भारत के कई राज्यों में भूमिहीन किसान, गरीब परिवार द्वारा जमीन पट्टे पर ली जाती है। भूमि मालिक से एक निश्चित समय के लिए निश्चित नियम शर्तों के आधार पर जमीन उपयोग करने की अनुमति ली जाती है जिसे पट्टे की जमीन कहते हैं। दूसरी नजर से देखा जाए तो आप पट्टे की जमीन को किराए का जमीन भी मान सकते हैं।
भारत में पट्टे की जमीन को ट्रांसफर आफ प्रॉपर्टी एक्ट 1882 और राज्य विशिष्ट भू राजस्व कानून के तहत नियंत्रित किया जाता है। पट्टे की जमीन पर कानूनन असली भू मालिक का अधिकार होता है मगर उस जमीन का उपयोग एक निश्चित समय के लिए पट्टे पर लिया व्यक्ति करता है।
जमीन के पट्टे का प्रकार
दोस्तों जमीन का पट्टा लेना अलग-अलग कारणों पर निर्भर करता है। इसलिए जमीन की उपयोगिता, स्वामित्व, अवधि के आधार पट्टे का प्रकार इस प्रकार से है-
संस्थागत पट्टा
जब किसी संस्थान अथवा प्राइवेट संस्था द्वारा स्कूल अस्पताल या सार्वजनिक सुविधा के लिए एक लंबी अवधि जैसे 99 वर्षों हेतु जमीन का पट्टा लिया जाता है, तो उसे संस्थागत पट्टा कहते हैं।
औद्योगिक पट्टा
जब औद्योगिक इकाइयों के लिए किसी सरकारी जमीन, निजी जमीन, या संस्था की जमीन को पट्टे पर लिया जाता है तो उसे औद्योगिक पट्टा कहते हैं। औद्योगिक पट्टे के अंतर्गत जमीन की अवधि 30 – 99 वर्षों की होती है।
वाणिज्यिक पट्टा
जब दुकान, फैक्ट्री तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए सरकारी जमीन, निजी जमीन या संस्था की जमीन को पट्टे पर लिया जाता है तो उसे वाणिज्यिक पट्टा कहते हैं। वाणिज्यिक पट्टा के लिए जमीन लगभग 5 से 99 वर्षों के लिए दी जाती है। जैसे – शहरी क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए पट्टे
आवासीय पट्टा
जिन गरीब परिवारों के पास कोई जमीन नहीं है उन्हें घर बनाने के लिए सरकारी जमीन पट्टे पर दी जाती है। यह जमीन भी लगभग 30 से 99 वर्षों के लिए दिया जाता है। जैसे – ग्राम सभा की जमीन पर आवासीय पट्टा
कृषि पट्टा
ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे किसान जो खेती किसानी करना चाहते हैं लेकिन उनके पास अपनी खुद की जमीन नहीं है। ऐसे किसान को सरकारी जमीन पट्टे पर दी जाती है। यह जमीन भी औसतन 10 से 30 वर्षों के लिए दिया जाता है। जैसे – ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन दलित और गरीब किसान को सरकारी जमीन पट्टे पर देना।
अलग-अलग कार्यों के लिए जमीन पट्टे पर मिलती है?
- सामाजिक/संस्थागत भूमि : अस्पताल, स्कूल या धार्मिक स्थल बनाने के लिए पट्टे पर जमीन लेना।
- विकास परियोजना : खेल परिसर, पार्क, सामाजिक कार्य हेतु पट्टे पर जमीन लेना।
- सरकारी भूमि : सरकारी योजनाओं के लिए सरकारी भूमि पट्टे पर लेना।
- वाणिज्यिक भूमि : व्यापार और दुकान खोलने के लिए पट्टे पर जमीन लेना।
- आवासीय भूमि : बेघर गरीब परिवारों के लिए घर बनवाने के लिए पट्टे पर जमीन देना।
- कृषि भूमि : भूमिहीन किसानों को खेती किसानी करने के लिए पट्टे पर जमीन देना।
क्या पट्टे की जमीन खरीदा या बेचा जा सकता हैं?
जी हां, पट्टे की जमीन को आप बेच अथवा खरीद सकते हैं। मगर पट्टा कराते समय उसके नियम और शर्तों पर निर्भर करता है। क्यों कि किसी जमीन का पट्टा कराते समय उसके नियम और शर्तें निर्धारित की जाती है। फिर उसी आधार पर पट्टे की जमीन खरीदा या बेचा जा सकता हैं।
फ्री होल्ड भूमि (Free Hold Land)
अगर आप पट्टे की जमीन खरीद अथवा बेच रहे हैं, तो सबसे पहले उसके नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ कर समझ लेना चाहिए। अगर जमीन फ्री होल्ड भूमि हैं तो उस जमीन पर पूर्ण अधिकार पट्टाधारक का होता है। यानि पट्टा लेने वाला व्यक्ति अपनी मर्जी से जमीन को बेच सकता है। इसमें भूमि मालिक की परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।
लीज होल्ड भूमि (Lease Hold Land)
अगर आप पट्टे की जमीन खरीद अथवा बेच रहे हैं, तो सबसे पहले उसके नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ कर समझ लेना चाहिए। अगर जमीन लीज होल्ड भूमि हैं, तो पट्टाधारक अपनी मर्जी से जमीन बेच नहीं सकता है। जमीन बेचने के लिए पट्टाधारक को भूमि मालिक से अनुमति लेना जरूरी होता है। कुछ मामलों में जब लीज की अवधि पूरी हो जाती है, तो जमीन वापस मालिक के पास चली जाती है।
Patte Ke Jamin Apne Name Kaise Kare.
अगर आप चाहे तो किसी जमीन को पट्टे पर प्राप्त कर सकते हैं, मगर उसे अपने नाम नहीं कर सकते हैं। जमीन का पट्टा प्राप्त करने के लिए पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के नियम पता होने चाहिए। इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करें।
- आवेदन जमा करें : सबसे पहले आपको कृषि, आवासीय, वाणिज्यिक, जिसके लिए जमीन पट्टे पर लेना चाहते हैं। आपको जरूरत के हिसाब से सम्बंधित विभाग में आवेदन करना होगा।
- डाक्यूमेंट्स का सत्यापन : आवेदन पत्र के साथ आप जो भी दस्तावेज जमा करते हैं। जैसे – पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आदि का सत्यापन होगा। सम्बंधित विभाग द्वारा आवेदन पत्र तथा दस्तावेज की जांच की जाती है।
- जमीन की जांच और निरीक्षण : इसके बाद सम्बंधित विभाग द्वारा जमीन की जांच और निरीक्षण किया जाता है। और यह सुनिश्चित किया जाता है कि सरकारी नियमों के अनुसार यह जमीन पट्टे पर देने के लिए उपयुक्त है या नहीं।
- शुल्क जमा करना : अब आपको फीस का भुगतान करना होगा, जमीन के प्रकार तथा पट्टे की अवधि पर शुल्क अलग-अलग होता हैं।
- जमीन का पट्टा प्राप्त करना : सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद सम्बंधित विभाग द्वारा आपको पट्टे की जमीन जारी कर दिया जाता है।
पट्टे और रजिस्ट्री की जमीन में अंतर
पट्टे वाली जमीन पर पूर्ण अधिकार सरकार का होता है। इसलिए पट्टा धारक कभी भी जमीन का मालिक नहीं होता है। पट्टाधारक न तो जमीन बेच सकता है और न ही किसी और के नाम ट्रांसफर कर सकता है।
रजिस्ट्री वाली जमीन पर सरकार का कोई अधिकार नहीं होता है। रजिस्ट्री जिस व्यक्ति के नाम पर होती हैं, पूर्ण अधिकार उसी का होता है। वह व्यक्ति अपने हिसाब से जमीन को बेच सकता है या जमीन किसी और के नाम पर ट्रांसफर कर सकता है।
FAQs
क्या पट्टे की जमीन बेच सकते हैं?
जी नहीं, पट्टे की जमीन बेच नहीं सकते हैं। क्योंकि आप ने यह जानकारी किसी और से एक निश्चित समय के लिए पट्टे पर लिया हुआ है। हां अगर पट्टे के नियम और शर्तों में जमीन बेचने की बात कहीं गई है, तो आप बेच सकते हैं
क्या पट्टे वाली जमीन की रजिस्ट्री हो सकती हैं?
जी नहीं, सरकार भूमिहीन किसानों तथा बेघर गरीब लोगों को जमीन एक निश्चित समय के लिए पट्टे पर देती है। ताकि वे आराम से उसका उपयोग कर सकें व। मगर पट्टे वाली जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती है।
जमीन का पट्टा कितने साल का होता हैं?
अलग-अलग कार्यों के लिए पटृटे की जमीन ली जाती है। जैसे – क़ृषि जमीन का पट्टा 10 से 30 साल तक, आवासीय जमीन का पटृटा 30 से 99 साल तक, वाणिज्यिक जमीन का पट्टा 5 से 99 साल तक, संस्थान हेतु पट्टा 99 वर्षों तक होता है।
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